बांदा। जनपद के मड़ौली, खपटिहा, बेंदा, पथरी और मरौली क्षेत्र के 110/2 खंड में अवैध खनन और ओवरलोड वाहनों की आवाजाही के खिलाफ स्थानीय लोग लामबंद हो गए हैं। मड़ौली गांव के लोगों ने बालू खनन व्यवसायियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जबरन दबंगई के दम पर किसानों के खेतों से रास्ता बना लिया है, जिससे किसानों की फसलों और जमीनों को नुकसान हो रहा है। आज दिनांक 5 नवंबर 2024 को गांव के किसानों ने इसके विरोध में सड़क पर जाम लगाया।
प्रशासनिक शिकायतों के बावजूद समस्या का नहीं हुआ समाधान
स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई बार प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद समस्या का कोई समाधान नहीं निकला। ओवरलोड वाहनों की आवाजाही से सड़कों और सीसी रोड पर गहरे गड्ढे हो गए हैं, जिससे दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है।
भारतीय किसान यूनियन ने भी जताई नाराजगी
भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने जिलाधिकारी बांदा को ज्ञापन सौंपते हुए रिहायशी इलाकों से ओवरलोड वाहनों के निकासी का विरोध किया। यूनियन के नेताओं का कहना है कि खनन माफियाओं द्वारा जबरन बनाए गए रास्तों के लिए किसानों को किसी भी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया गया है।
चंद्रावल नदी पर मिट्टी डालकर अवरुद्ध किया गया जलप्रवाह
ग्रामीणों ने बताया कि खनन के लिए चंद्रावल नदी पर मिट्टी डालकर अस्थायी पुल बना दिया गया है, जिससे नदी का जलप्रवाह अवरुद्ध हो गया है। इस अवैध पुल और ओवरलोड वाहनों के कारण गांव के लोगों को कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
उपजिलाधिकारी पैलानी का बयान
उपजिलाधिकारी पैलानी ने तीन बजे के आसपास बयान दिया कि बिना वैध प्रपत्रों के किसी भी ओवरलोड वाहन को चलने नहीं दिया जाएगा और ऐसे वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि खदान संचालक तो पैसा कमाकर चले जाएंगे, पर खराब सड़कों और पर्यावरणीय क्षति का सामना गांव वालों को करना पड़ेगा। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि अवैध खनन और ओवरलोड वाहनों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।