बांदा। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि बुंदेलखंड में अन्य फसलों के साथ केन-बेतवा नदियों के किनारे बांस, केला और औषधीय फसलों की खेती की जा सकती है। खेती का क्षेत्रफल बढ़ाने से रोजगार बढ़ेगा और आम आदमी भी समृद्ध होगा। नसीहत दी कि भविष्य के लिए भूगर्भ जल को संरक्षित करना बेहद जरूरी है। कैबिनेट मंत्री ने यह बात कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के 13वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कही।
गुरुवार को समारोह में मंत्री शाही ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में बने पशु चिकित्सा महाविद्यालय में शिक्षण कार्य शुरू करना प्राथमिकता में है। केंद्र व राज्य सरकार बुंदेलखंड के विकास के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है। किसान खेतीबाड़ी के साथ बकरी पालन, भेड़ पालन, मुर्गी पालन और मधुमक्खी पालन से अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं। कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में आवागमन की सुविधा बेहतर हुई है। अब इस क्षेत्र का आत्मनिर्भर बनाने के लिए सबको मिलकर सामूहिक प्रयास करना होगा। कृषि क्षेत्र में जीडीपी 30 प्रतिशत करने के लिए सभी की सहभागिता जरूरी है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे बेहतरीन कार्यों पर कुलपति की सराहना की।
सांसद आरके सिंह पटेल ने मोटे अनाज का उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया। हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने कहा कि युवा रोजगार किसी भी क्षेत्र में करें, लेकिन अपने गांव के विकास के लिए अच्छी भूमिका जरूर निभाएं। कुलपति प्रो.नरेंद्र प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या पेश की। कहा कि शोध क्षेत्र में विश्वविद्यालय अच्छा कार्य कर रहा है। समारोह को बुंदेलखंड विकास बोर्ड उपाध्यक्ष अयोध्या सिंह पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष संजय सिंह, डॉ. अजीत कुमार शासनी (लखनऊ), डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह (करनाल) आदि ने भी संबोधित किया। डॉ. अजय कुमार सिंह, ममता मिश्रा, कुलसचिव डॉ.एसके सिंह, डॉ.अजय कुमार सिंह, डॉ.बीके गुप्ता रहे। संचालन डॉ. धीरज मिश्रा व डॉ. सौरभ ने किया।
उत्तम शोध और शिक्षा पर शिक्षक सम्मानित
विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर दो प्राध्यापक व दो शोधकर्ताओं को सम्मानित किया गया। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने उत्कृष्ट शोध करने पर डॉ. आरके सिंह व सहायक प्राध्यापक डॉ. हितेश कुमार और उत्तम शिक्षक के रूप में सह प्राध्यापक डा.एके सिंह व सहायक प्राध्यापक डॉ. सीएम सिंह को सम्मानित किया। उन्हें प्रमाण पत्र सौंपे। साथ ही विश्वविद्यालय स्तर पर होने वाले विभिन्न खेलकूद व अन्य प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को भी सम्मानित किया गया। छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए।
सौजन्य : अमर उजाला