आपको बता दे की पिछले दिनों बांदा जनपद के नरैनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले दिव्यांग बुद्ध विलास तिवारी का परिवार वर्तमान नरैनी विधायिका के गुर्गों से पीड़ित, बांदा पुलिस प्रशासन से लेकर योगी जी की जानता दरबार में फरियाद करने पर भी न्याय न मिलने पर, ह्रदय रोग से पीड़ित विकलांग परिवार सहित चार दिनों पूर्व मंडल मुख्यालय स्थित अशोक लाट में धरने पर बैठने, शांति पूर्वक न्याय की मांग करने को मजबूर हुआ।
जिसकी कई समाचार पत्रों मे खबर भी प्रकाशित होने के बाद कल आनन फानन में विशेषज्ञ नरैनी पुलिस अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा दिव्यांग धरना प्रदर्शनकारी व उसके परिवार को जबरन अनशन स्थल से उठाए जाने व जेल भेजा जाने से नाराज कुछ समाज सेवी संगठनों व राष्ट्रीय दिव्यांग पार्टी के सदस्य जनों ने सैकड़ों की तादात में इकट्ठा होकर जिला अधिकारी बांदा से दिव्यांग को तत्काल न्याय दिलाए जाने की मांग की गई।
साथ ही पीड़ित दिव्यांग की पत्नी प्रमिला तिवारी ने स्पष्ट किया की अगर न्याय नहीं मिला तो आगामी दिवसो में भूख हड़ताल करने या आत्महत्या के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन की होगी।
इसी कड़ी में समाज सेवी शालिनी पटेल ने बताया की इस सरकार में कोई भी शांति पूर्ण ढंग से अपना अनशन करता है तो पुलिस उससे यह भी अधिकार छीन लेती है। साथ ही मांग की है की नरैनी एस एच ओ, नरैनी पुलिस क्षेत्राधिकारी, पुलिस अधीक्षक बांदा को जनपद से हटाया जाए।
इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए दिव्यांग पार्टी के पदाधिकारियों में बुंदेलखंड प्रभारी श्याम बाबू त्रिपाठी ने भी कहा की किसी भी दिव्यांग के साथ अगर कुछ गलत होता है तो उसकी लड़ाई आर पार तक लड़ी जाएगी, जब तक पीड़ित को न्याय नहीं मिलता।