बांदा। गर्मी ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। अप्रैल में ही मई जैसी गर्मी से लोग बेहाल हैं। एक सप्ताह से लगातार तापमान में उतार-चढ़ाव दिख रहा है। शुक्रवार इस साल अप्रैल माह का सबसे गर्म दिन रहा। तीखी धूप में लोग छांव की तलाश करते दिखे। अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा भी 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली। अप्रैल में गर्मी के इस तेवर ने पिछले 10 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है।
शुक्रवार की सुबह नौ बजे से ही तीखी धूप ने लोगों को परेशान कर दिया। दोपहर को वही लोग बाहर निकल रहे हैं, जिन्हें जरूरी काम है। गर्मी के कारण अभी से ही सड़कों पर सन्नाटा दिखने लगा है। राहगीरों को तीखी धूप से बचने के लिए गमछे का सहारा लेना पड़ रहा है। जो लोग बाहर निकल रहे हैं वो तीखी धूप से बचने के लिए छांव ढूंढते फिर रहे हैं। गर्मी से लोग बेहाल नजर आने लगे हैं।
लोगों का कहना है कि अगर अभी यह हाल है तो मई-जून के महीने में गर्मी के तेवर और तीखे होंगे। कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डाॅ. दिनेश साहा ने बताया कि शुक्रवार को अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आने वाले दिनों में यह और बढ़ने की संभावना है। ऐसे में लोगों को विशेष सतर्क रहने की जरूरत है।
अप्रैल के शुरुआती दौर में तापमान तेज होने पर ग्रामीण क्षेत्रों में पानी संकट होने लगा है। तालाबों में पानी कम हो रहा है। नहरें सूख चुकी हैं। इन संसाधनों से ही छुट्टा और जंगली पशु-पक्षी अपनी प्यास बुझाते हैं। लोगों का कहना है कि गर्मी के तेवर यही रहे तो आने वाले समय पानी का ज्यादा संकट होगा।
वर्ष अधिकतम
2023 41.0
2022 39.5
2021 40.7
2020 40.0
2019 38.6
2018 40.2
2017 39.4
2016 38.8
2015 40.0
2014 40.2
रानी दुर्गावती मेडिकल काॅलेज के वरिष्ठ फिजीशियन डाॅ. शैलेंद्र कुमार यादव ने बताया कि गर्मी से बचाव बेहद जरूरी है। शरीर में पानी की कमी होने लगती है। ज्यादा पानी पीयें। घर से बाहर सिर ढककर निकलें। फुल आस्तीन के कपड़े पहनें। दिन हो या रात बासी भोजन न करें। ताजा और हल्का खाना खाएं। डिहाइड्रेशन और लू से बचाव जरूरी है।
सौजन्य : अमर उजाला