हमीरपुर : जिला पंचायत अध्यक्ष के नाम वापसी को लेकर कलेक्ट्रेट पर रहा माहौल गरम

हमीरपुर। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के नाम वापसी का अंतिम दिन होने के कारण काफी कलेक्ट्रेट में गहमागहमी रही। आज किसी भी प्रत्याशी ने अपना पर्चा वापस नहीं लिया। जिसे अभी यह तय हो गया कि 3 जुलाई को अध्यक्ष पद का चुनाव होगा।
जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए 2 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हो होने के कारण चुनाव काफी रोचक हो गया है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भारतीय जनता पार्टी द्वारा घोषित प्रत्याशी जयंती राजपूत और भाजपा के बागी व निषाद पार्टी द्वारा घोषित प्रत्याशी दुष्यंत सिंह उर्फ़ रज्जन सिंह ने अपना नामांकन दाखिल किया था। तो माना जा रहा था कि सत्ता पक्ष के दबाव के चलते दुष्यंत सिंह अपना नामांकन वापस ले सकते हैं।लेकिन यह संभावना भी आज समाप्त हो गई।
अध्यक्ष पद के लिए 2 प्रत्याशी आमने-सामने हैं। जबकि पहले ही दोनों प्रत्याशी एक ही दल में रहे है। चुनावी राजनीति को लेकर अध्यक्ष पद के लिए भाजपा समर्पित और निषाद पार्टी समर्थित प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। बताते हैं कि जिला पंचायत के 17 सदस्य है। जो आगामी 3 जुलाई को नए अध्यक्ष पद के लिए मतदान करेंगे।
जिले में 17 जिला पंचायत सदस्य चुनाव जीत कर आए है। भाजपा प्रत्याशी को जिताने के लिए जिले के सभी जिम्मेदार पदाधिकारियों को लगाया गया है। सूत्रों का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हर हाल में पार्टी प्रत्याशी को जिताना है। इसके लिए चाहे जो भी रणनीति बनाई जाए। अध्यक्ष पद के चुनाव मे भाजपा साम दाम दंड भेद की नीति अपना रही है।
अभी तक माना जा रहा था कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और शासन के दवाव के चलते निषाद पार्टी के प्रत्याशी को पर्चा वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। क्योंकि जिला प्रशासन ने नामांकन के बाद से ही निषाद पार्टी के प्रत्याशी दुष्यंत सिंह और उसके भाई बलवंत सिंह के बालू के भंडारण को नियम विरुद्ध बता कर भंडारण को सीज कर दिया गया था। इतना ही नहीं एक प्रत्याशी के समर्थक के विरुद्ध था ने में नगर पंचायत सरीला के घोटाले के मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जिला पंचायत सदस्य के आंकड़ों मुताबिक भाजपा और सपा की बराबर सीटें होने के साथ ही अध्यक्ष दो संख्या होने के साथ ही सदस्य हैं।
(जिला संवाददाता ब्रजेश ओझा)